Saturday 18 January 2014

दोषियों को दंडित न किया जाना ही हो सकता है आत्मघाती दुष्प्रचार का कारण ---विजय राजबली माथुर

जिस समय वाम  एकता को मजबूत करने के प्रयास चल रहे हों उसी समय सबसे पुराने वाम दल के राष्ट्रीय सचिव के विरुद्ध घृणित दुष्प्रचार किया जाना अनायास ही नहीं है। बल्कि कम्युनिस्ट व वाम एकता को छिन्न-भिन्न करने का यह  कार्पोरेटी दुष्प्रयास एक लंबे समय से चलता आ रहा है जिसका पर्दाफाश इसी ब्लाग पर पिछली पोस्ट्स में किया जाता रहा है। किन्तु भाकपा केंद्रीय नेतृत्व, विशेषकर वरिष्ठ कामरेड ए बी बर्द्धन एवं कामरेड अतुल अनजान पर नामोलेख के साथ तथा इशारों द्वारा छींटाकशी  कारपोरेट समर्थक लाबी द्वारा एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत की जाती रही है जिसे एक बार फिर सार्वजनिक प्रकाश में लाया जा रहा है। यदि पहले ही उन दोषी लोगों के विरुद्ध कारवाई की गई होती तो कामरेड अतुल अनजान साहब को अब यह प्रतिवाद (CONTRADICTION) जारी नहीं करना पड़ता। दोषी लोग घृणित पार्टी विरोधी अभियान निर्बाध रूप से  चलाते रहे जिसका पूरा-पूरा लाभ कारपोरेट लाबी ने उठा कर भाकपा और इसके राष्ट्रीय सचिव पर प्रहार कर दिया।


 कामरेड अनजान पर इशारों में प्रहार का नमूना :



 वरिष्ठ कामरेड ए बी बर्द्धन पर इशारों में  प्रहार का नमूना :

 'इंकलाब' के संचालक द्वारा अधिकृत भाकपा प्रत्याशी  और उनका AAP को अपने सहयोगी सहित खुला समर्थन :







प्रत्याशी सहयोगी द्वारा कामरेड अनजान पर खुला प्रहार :
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=489602807814378&set=gm.427019937399700&type=1&theater


किस AAP का समर्थन कर रहे हैं ये दुष्प्रचारक?:


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