Monday 3 July 2017

जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी सरकारों को उखाड़ फेंकने का काम सिर्फ छात्र-नौजवान ही कर सकते हैं ------ नितिन राज


Uma Raag



Uma Raag
०३-०७-२०१७ 
(उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछली 7 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आइसा समेत कई संगठनों के छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया था। इस मौके पर एक दर्जन से ज्यादा छात्रों और उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद इन सब पर गंभीर आपराधिक धाराएं लगा दी गयी थीं। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद तकरीबन तीन हफ्ते बाद इन नेताओं को ऊपरी अदालत से जमानत मिल पायी। लेकिन अभी भी आइसा के एक नेता नितिन राज को जमानत नहीं मिल सकी है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे वजह पुलिस द्वारा मांगी गई घूस का न दिया जाना है। बाकी साथियों की रिहाई के बाद जेल में अकेले बंद नितिन राज ने एक पत्र जारी किया है। पेश है नितिन का पत्र।)

आज शायद भारतीय छात्र आन्दोलन अपने इतिहास के सबसे दमनात्मक दौर से गुजर रहा है, जहाँ छात्रों को अपनी लोकतान्त्रिक माँगों को लेकर की गई छात्र आन्दोलन की सामान्य कार्यवाही के लिए भी राजसत्ता के इशारे पर महीनों के लिए जेल में डाल दिया जा रहा है। छात्र आन्दोलन से घबराई योगी सरकार, जो कि इसे किसी भी शर्त पर कुचल देना चाहती है, हमें इतने दिनों तक जेल में रख कर हमारे मनोबल को तोड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन हम क्रान्तिकारी परम्परा के वाहक हैं हमारे आदर्श भगतसिंह और चंदू हैं, सावरकर नहीं, जो जेल के भय से माफ़ीनामा लिखकर छूटे और अंग्रेजों की दलाली में लग गए। हमें अगर और दिनों तक जेल में रहना पड़ा तब भी हम कमजोर पड़ने वाले नहीं हैं।
कल जब हमारे साथ के सभी आन्दोलनकारी साथियों की रिहाई हो गई और मेरी नहीं हुई तो पहले कुछ कष्ट हुआ लेकिन जब से पता चला कि मेरी रिहाई BKT थाने में हमारे साथियों द्वारा रिश्वत देने से इंकार करने के चलते रुकी है तब मुझे जानकर ख़ुशी हुई। यदि रिश्वत देकर मेरी रिहाई कल हो गई होती तो मैं छूट तो जाता परन्तु वो भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन, जिसके चलते मैं जेल में आया, शायद हार जाता। जो कि इस आन्दोलन की मुख्य अंतर्वस्तु को ही भटका देता। मुझे गर्व है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ सही मायने में लड़ रहा हूँ और अपने सिद्धांतों के साथ खड़ा हूँ भले ही मुझे इसके लिए अधिक दिनों तक जेल में क्यों न रहना पड़ रहा हो। जेल में मैं बस हमारे प्रिय छात्रनेता चंद्रशेखर प्रसाद (चंदू) के शब्दों में “ यह मेरी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा है कि मैं चे ग्वेरा की तरह जियूँ और भगतसिंह की तरह मरूं”, को याद करके खुद को राजसत्ता के दमन से ज्यादा मजबूत पाता हूँ और लड़ने की एक नई ऊर्जा प्राप्त करता हूँ।
आज पूरे देश में जिस तरीके से कार्पोरेट फासीवादी ताकतों की सत्ता स्थापित है उसमें लगातार दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं व अन्य वंचित तबकों पर हमले बढ़ रहे हैं। पूरे देश में एक ऐसी भीड़ पैदा की जा रही है जो सिर्फ अफवाह के चलते किसी की भी हत्या कर दे रही है। हमारे किसान जब अपने अधिकारों की मांग करते हैं तो उन्हें गोली से उड़ा दिया जा रहा है। अगर छात्र-नौजवान शिक्षा और रोजगार की बात करता है तो उसे जेल में ठूंस दिया जा रहा है, जो भी सरकार पर सवाल उठाता है उसे देशद्रोही करार दे दिया जाता है। इस भयानक दौर में मैं देश के सभी छात्र नौजवानों से अपील करता हूँ कि भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों से प्रेरणा लेते हुए समाज के सभी उत्पीड़ित तबकों को गोलबंद कर इन जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी सरकारों को उखाड़ फेंकने की जिम्मेदारी लें। ये काम सिर्फ छात्र-नौजवान ही कर सकते हैं।
अंत में मैं फिर इन सरकारों से कहना चाहता हूँ कि तुम्हारा कोई भी दमन और तुम्हारे भ्रष्टतंत्र की कोई भी बेशर्मी और बेहयाई क्रांतिकारी नौजवानों के मंसूबों को तोड़ नहीं सकती।
इंकलाब जिंदाबाद !!
नितिन राज
नेता, आइसा
जिला कारागार, लखनऊ
दिनांक-02.07.2017
https://www.facebook.com/umaip/posts/1345179175531029



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